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आत्महत्या पर एक परिचर्चा

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 आज विश्व भर में कोई भी देश या समाज आत्महत्या से अछूता नहीं है। इसी विषय पर दिनांक 1 सितम्बर और 2 सितम्बर 2021 को गूगल डुओ पर परिचर्चा आयोजित हुई। प्रायः आत्महत्या पाँच विकारों(Disorders) का एक मिलाजुला दुष्परिणाम होता है। 1. तनाव:- उम्मीदों के टूटने से जो विकार पैदा होता है उसे तनाव कहते हैं। हर व्यक्ति, रिश्तेदार, अधीनस्थ, वरीय, समाज, सम्प्रदाय और यहाँ तक कि कोई देश भी एक दूसरे से कुछ न कुछ जरूर उम्मीद करता है। कभी-कभी उम्मीद सीमा से अधिक किया जाने लगता है। जब यही उम्मीद टूटता है तब तनाव उत्पन्न होता है। तनाव उनके बीच उत्पन्न होता है जो तनाव करते हैं और जिनसे उम्मीद पूरी करने की अपेक्षा की जाती है। 2. अवसाद:- सहनीय स्तर को जब निराशा पार कर जाती है उसे अवसाद कहते हैं। 3. घमण्ड:- जब कोई व्यक्ति अपने को बहुत ज्ञानी मानकर किसी की बात नहीं सुनता है उस व्यक्ति को घमण्डी कहते हैं। उस विकार को *घमण्ड* कहते हैं। 4. आत्मग्लानि:- जब पश्चाताप किसी व्यक्ति के सहनीय सीमा पार कर जाये तो उस विकार को आत्मग्लानि कहते हैं। 5. लानत भरी जिंदगी:- आत्मग्लानि से ग्रसित व्यक्ति कल्पना करने लगता है कि आसन