Posts

Showing posts from August, 2015

अधिक दिनों तक कच्चे तेल की कीमत 50 डॉलर से कम रहना हमारी अर्थ-व्यवाथा के अच्छा नहीं है।

     हम बहुत वर्षों से यह सुनते और देखते आ रहे हैं कि जब-जब पेट्रोलियम पदार्थों का मूल्य बढ़ता है तब-तब प्रायः सभी वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य बढ़ जाते हैं। अब हमें इसके उलटे असर के लिये भी तैयार रहना चाहिये। Shale Oil उत्पादन के खर्चे में कमी आने सौर ऊर्जा के दाम घटने से भी कच्चे तेल सहित ऊर्जा के स्रोतों से प्राप्त होने वाले माध्यम जैसे कोयला, पवन टरबाइन आदि के मूल्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घट रहे हैं. इनसे दुनिया भर में उत्खनन(Mining) और परिवहन सस्ता हो रहे हैं। ऐसे में लोहा, कृषि उपज सहित बहुत से उत्पादों का सस्ता होना लाजिमी है। इन सामानों का उपभोग बढ़ने के परिणाम स्वरुप हमारा आयात बढ़ जायेगा। यदि इसी अनुपात में हमारा निर्यात नहीं बढ़ा तो हमारे रुपया की कीमत घटते जायेगी। वर्ष 2008 के दिसम्बर माह में अमेरिका की मंदी से घबराहट में अल्प काल के लिये WTI कच्चे तेल की कीमत $47 प्रति बैरल तक आ गयी थी. लेकिन इस बार कच्चे तेल की कीमत धीरे-धीरे गिर रही है. ऐसा लगता है कि इस बार की गिरावट दीर्घकालिक होगी। आपूर्ति पक्ष(Supply side):-  सकारात्मक रुख:- (1)  अमरीकी, यूरोपीय और चीनी वैज्ञानिक तथा