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Showing posts from September, 2022

Energy War भाग - 1(प्राकृतिक गैस)

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 Energy War का एक पहलू - प्राकृतिक गैस। कहा जाता है कि अभी विश्व में आयातित प्राकृतिक गैस की खपत प्रतिवर्ष लगभग दो हजार bcm अर्थात अरब घन मीटर है। इसमें से लगभग चार सौ बीसीएम प्राकृतिक गैस की खपत यूरोप में प्रतिवर्ष होती है। यूरोप प्रतिवर्ष लगभग 155 बीसीएम प्राकृतिक गैस रूस से खरीदता था। ये सभी गैस रूस से पाइप लाइन से आता था। पाइप लाइन से आपूर्ति यूक्रेन युद्ध के चलते अभी बंद है। इसकी भरपाई हेतु पांच एलएनजी टैंकर यूरोप को प्रति दिन चाहिए। इसके अलावे एक एलएनजी टैंकर को दुबारा एलएनजी लाने में औसतन बीस दिन लगते हैं। चूंकि एलएनजी टैंकर रातों रात बनाया नहीं जा सकता अतः एलएनजी टैंकर की कमी से प्राकृतिक गैस का मूल्य बढ़ने की प्रबल सम्भावना है। आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है। जब प्राकृतिक गैस महंगा होगा तो वैज्ञानिक और इंजीनियर उसके विकल्पों के विकास में तेजी से लग जायेंगे। यही मानव सभ्यता की परम्परा रही है। प्राकृतिक गैस के कुछ विकल्प - 1. कोयला 2. सोलर पावर 3. Wind Power 4. Pumped Hydro electric 5. हाइड्रोजन। इसके अलावा सदाबहार लकड़ी तो है ही। कोयला के पूर्व तो लोग लकड़ी जलाकर ही तो खाना बन

थॉमसन हिरण और आठ चीते

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        In lighter mood कूना पार्क में छोड़े गये आठ चीतों पर कुछ विशेष बातें:- 1. इनमें से कोई भी उस अभयारण्य का घास पात नहीं खा रहा है। अर्थात वे सब चीते शाकाहारी नहीं हैं। 2. उन चीतों को खाना बनाना भी नहीं आता। यदि ऐसा होता तो वे सब कम से कम मैगी आदि फास्ट फूड बनाकर खा लेते। इस तरह मैगी आदि खाकर अपना भूख तो मिटा ही सकते थे। 3. उन सबों को शिकार करने नहीं आता। यदि उन चीतों को शिकार करने आता तो उनको खाने के लिए छोड़े गए बकरे और हिरण अभी तक सभी के सभी सकुशल उन चीतों के सामने ही स्वच्छंद विचरण नहीं करते रहते। 4. अब विशेषज्ञ बता रहे हैं कि कूना पार्क में उन चीतों के स्वच्छंद विचरण हेतु उतना क्षेत्र नहीं है जितना उनके मातृभूमि तंजानिया या जांबिया में होता है।  5. विश्व का चौथा सबसे तेज भागने वाला पशु थॉमसन हिरण कूना पार्क में नहीं पाया जाता और न ही उन्हे वहां लाया ही गया है। इस प्रजाति का हिरण चीतों का सबसे प्रिय भोज्य पशु होते हैं। जब चीते कूना पार्क में विश्व के चौथे सबसे तेज धावक थॉमसन हिरण को दौड़ायेगा ही नहीं; दौड़ा दौड़ा कर उन्हे पकड़ का अपना शिकार बनायेग  नहीं तो इन चीतों को लोग वि