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Showing posts from 2021

हाइड्रोजन चालित बनाम बैटरी चालित गाड़ियां

 पहले हाइड्रोजन की अच्छाई समझ लें उसके बाद उसकी कमजोरी पर चर्चा होगी। 1  हाइड्रोजन एक राकेट का ईंधन है।  2. रूस ने एक हवाईजहाज भी हाइड्रोजन से चलने वाला बनाया था। 3. पिछले सप्ताह टोयोटा अपनी एक कार को एक हाइड्रोजन भरकर 845 मील अर्थात 1300 कि मी से ऊपर चलाकर दिखा दिया। 4. लम्बी दूरी के ड्रोन हाइड्रोजन से चलाये जा सकते हैं जो बैटरी से लम्बी दूरी सम्भव नहीं है। 5. चूंकि जापान में बिजली महंगी है अतः जापानी बैटरी के स्थान पर हाइड्रोजन से गाड़ियों को चलाना चाहते हैं। 6. भारी ट्रक/बस भी हाइड्रोजन से लम्बी दूरी तक चलाये जा सकते हैं। हाइड्रोजन के पक्ष में नकारात्मक बातें - 1. हाइड्रोजन एक अति ज्वलनशील गैस है। अतः इसका रखरखाव जटिल और महंगा है। 2. एक यूनिट के योग्य ग्रीन हाइड्रोजन बनाने में दो यूनिट बिजली खर्च होता है। 3. एक हाइड्रोजन गैस स्टेशन बनाने का खर्च एक बैटरी सुपर चार्जर बनाने की तुलना में सौ गुना से अधिक का खर्च आता है। 4. एक निजी कार एवं मध्यम आकार की गाड़ी औसतन 100 कि मी से अधिक नही चलती जिसे घर पर रात को आसानी से चार्ज किया जा सकता है। 5. लम्बी यात्राओं में एक बार में कोई भी व्यक्ति 30

आत्महत्या पर एक परिचर्चा

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 आज विश्व भर में कोई भी देश या समाज आत्महत्या से अछूता नहीं है। इसी विषय पर दिनांक 1 सितम्बर और 2 सितम्बर 2021 को गूगल डुओ पर परिचर्चा आयोजित हुई। प्रायः आत्महत्या पाँच विकारों(Disorders) का एक मिलाजुला दुष्परिणाम होता है। 1. तनाव:- उम्मीदों के टूटने से जो विकार पैदा होता है उसे तनाव कहते हैं। हर व्यक्ति, रिश्तेदार, अधीनस्थ, वरीय, समाज, सम्प्रदाय और यहाँ तक कि कोई देश भी एक दूसरे से कुछ न कुछ जरूर उम्मीद करता है। कभी-कभी उम्मीद सीमा से अधिक किया जाने लगता है। जब यही उम्मीद टूटता है तब तनाव उत्पन्न होता है। तनाव उनके बीच उत्पन्न होता है जो तनाव करते हैं और जिनसे उम्मीद पूरी करने की अपेक्षा की जाती है। 2. अवसाद:- सहनीय स्तर को जब निराशा पार कर जाती है उसे अवसाद कहते हैं। 3. घमण्ड:- जब कोई व्यक्ति अपने को बहुत ज्ञानी मानकर किसी की बात नहीं सुनता है उस व्यक्ति को घमण्डी कहते हैं। उस विकार को *घमण्ड* कहते हैं। 4. आत्मग्लानि:- जब पश्चाताप किसी व्यक्ति के सहनीय सीमा पार कर जाये तो उस विकार को आत्मग्लानि कहते हैं। 5. लानत भरी जिंदगी:- आत्मग्लानि से ग्रसित व्यक्ति कल्पना करने लगता है कि आसन

मुद्रीकरण(मोनेटाइजेशन) का एक देहाती संस्करण

 पटना से कुछ दूरी पर स्थानीय युवकों ने दो स्टेशन के ठीक बीच एक महापुरुष के नाम पर हाल्ट स्टेशन बना दिया। वे लोग अगले स्टेशन से प्रतिदिन पटना का एक सौ टिकट खरीदकर लाते थे और एक रुपये अधिक लेकर यात्रियों को बेंच देते थे। इस व्यवस्था से निकटवर्ती सात गाँव के लोग लाभान्वित होते थे।  यह व्यवस्था इसलिये भी लोकप्रिय हुई क्योंकि अगले स्टेशन के बीच मे एक पुल पड़ता था। म बरसात भर इस पुल के नीचे के रास्ते पानी से भर जाते थे। इस कारण लोगों को पुल से होकर जाना पड़ता था। इस क्रम में एक-दो लोग प्रतिवर्ष ट्रेन के चपेट में आकर काल कलवित हो जाते थे। लोग एक रुपया अधिक देकर इसी हाल्ट से ट्रेन पर चढ़ना या उतरना सुविधाजनक समझते थे। इन गांवों के लोगों के रिश्तेदार भी खुश थे। एक रुपया की अधिक कमाई में से दस रुपए ट्रेन के ड्राइवर को देना पड़ता था। शेष कमाई को युवक अपने में बांट लेते थे। युवकों ने  श्रमदान कर उस हाल्ट को एक अच्छा स्वरूप दे दिया था और एप्रोच पगडंडी भी बना दिया था। फिर लालू यादव जब रेल मंत्री हुए तो उस हाल्ट को वैधता प्रदान कर दिये और उस हाल्ट पर टिकट की बिक्री हेतु ठेकेदार बहाल कर दिये। अब ड्राइवर क

वीर सावरकर को उनके जन्म-तिथि पर स्मरण

 कल की परिचर्चा में दयाशंकर बाबू ने भारत के सच्चे सपूत वीर सावरकर को उनके जन्म-तिथि पर समरण करते हुए उनके बारे में कई जानकारियां दीं। उनके भाषण का सारांश- 1. वे लंदन में Bar at Law की परीक्षा पास की। लेकिन उन्हें कानून की डिग्री इसलिये नहीं मिली कि उन्होंने वहाँ की परम्परा के अनुसार सम्राट के प्रति प्रतिबद्धता की शपथ लेना स्वीकार नहीं किया। इससे अंग्रेजी सरकार बहुत नाराज हो गयी। 2. उन्होंने First Indian war of Independence 1957  नामक एक किताब लिखी जिसे अंग्रेजों ने छपने से पूर्व ही प्रतिबंधित कर दिया। उसके पूर्व अंग्रेज उसे सिपाही विद्रोह कहते थे। फिरभी उन्होंने उस किताब को हॉलैंड में छपवा कर उसकी कुछ प्रतियों को भारत भेजवा दिया। उस किताब का अनुवाद तमिल सहित कई भाषाओं में हुआ। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने उसका अनुवाद जापानी में करवाया था। इससे भी अंग्रेज काफी नाराज हो गये। 3. कुछ ही दिनों बाद एक भारतीय क्रांतिकारी मदन ढींगरा ने एक अंग्रेज अधिकारी की हत्या कर दी। उस मामले में षड़यंत्रकारी के आरोप में वीर सावरकर को आजीवन कारावास की सजा दी। 4. उन्हें जलजहाज से भारत भेजा जा रहा था कि उन्होंन

व्यक्ति एक परियोजनायें अनेक

एलन मस्क की यदि अबतक की घोषित परियोजनायें 2030 तक सफल हो जाती हैं तो निम्नलिखित क्षेत्र के कई दिग्गज खिलाड़ी संकट में पड़ सकते हैं। 1. मंगल मिशन: इस मिशन को सफल बनाने हेतु वे एक कंपनी स्टारशिप बनाने वाले हैं। यह राकेट यान पृथ्वी से मंगल ग्रह पर एक सौ व्यक्तियों को एक बार में ले जा सकता है। अब सोचिये जो राकेट यान मंगल ग्रह पर तीन महीने में जा सकता है वह अनुकूल मौसम में पृथ्वी पर एक जगह से सुदूर दूसरे जगह पर एक हजार यात्रियों को लेकर उचित खर्च पर 40 मिनट के अंदर भी पंहुचा सकता है। बड़ी बड़ी एयरलाइन कम्पनियों को नुकसान हो सकता है। 2. वेव सेंसर:- इसी सप्ताह एलन मस्क को अपने टेस्ला गाड़ियों में वेव सेंसर लगाने की अनुमति वहाँ के FCC से मिल गयी है। यह सेंसर ड्राइवर के माथा और आंख पर निगरानी रखेगा। यदि इस सेंसर को लगेगा कि ड्राइवर की गतिविधियां सामान्य से अलग है तो गाड़ी रुक जायेगी। यदि यह सेंसर पहले से लगा होता तो पिछले सप्ताह टेस्ला की एक गाड़ी की दुर्घटना में दो बुजुर्ग की मृत्यु नहीं होती। उस दुर्घटना के समय चालक सीट पर कोई नहीं था। जारी क्रमशः फिर कभी।

एक विचित्र कार दुर्घटना

दो दिन पहले अमेरिका के टेक्सास राज्य में एक कार दुर्घटना हुई। उस दुर्घटना में दोनों कार सवार मारे गये। इस दुर्घटना में विचित्रता यह है कि उस कार के ड्राइवर सीट पर कोई नहीं था। एक आगे के और दूसरे पिछले सीट पर बैठे हुए थे। दोनों मृतक लगभग 70 वर्ष के आपस में दोस्त थे। दुर्घटनाग्रस्त कार टेस्ला कम्पनी की थी।  अनुमान है कि कार मालिक अपने दोस्त को स्वचालित कार चालन दिखा रहे थे कि एक मोड़ आ गया और कार मुड़ने के बजाये सामने के गाछ से टकड़ा गया। इस दुर्घटना की उच्चस्तरीय जाँच की जा रही है। टेस्ला कम्पनी का कहना है कि कार मालिक ने FSD खरीदा ही नहीं था। उसमें स्टैण्डर्ड ऑटोपायलट सॉफ्टवेयर लगा था जो सिर्फ लेन चिन्ह को पहचानता है। घटनास्थल वाली सड़क पर लेन चिन्ह था ही नहीं। इसीलिये मोड़ पर कार मुड़ नहीं पायी। यह तो कम्पनी का कहना है। अब तो गहन जाँच से ही सच्चाई सामने आयेगी। 2012 से अबतक टेस्ला निर्मित कार का यह 27वां दुर्घटना है। अबतक नया मिलाकर दो दुर्घटना में सवार की मृत्यु हुई है। अब तक लगभग पन्द्रह लाख कार का निर्माण टेस्ला कर चुकी है। अब प्रश्न यह है कि स्वचालन मोड पर हुए दुर्घटना के लिये कौन उत्तरद

एलन मस्क से सम्बंधित सकारात्मक बातें(बन्दर)

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यद्यपि कि मेरी हैसियत एलन मस्क के किसी उत्पाद या सेवा को क्रय करने की नहीं है फिर भी मैं उनका एक प्रशंसक हूँ। एलन मस्क बृहत स्तर पर मानव सेवा करना चाहते हैं। उनका लक्ष्य मंगल ग्रह पर बसने का है। उन्होंने इस पुनीत कार्य के लिये कई कम्पनी स्थापित की है। चूंकि वे अपने उत्पाद, सेवा और अपनी छवि चमकाने के प्रचार पर कोई खर्च नहीं करते हैं अतः उनके बारे में सिर्फ नकारात्मक समाचार ही प्रिंट या टीवी मीडिया में आते हैं। इसका साफ अर्थ है कि उनके साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के बजाये उनसे घृणा करते हैं। Monkey with Neuralink chip playing a video game. वे ट्विटर पर सक्रिय हैं। ट्विटर मेरे जैसा उनके पाँच करोड़ छः लाख से अधिक अनुगामी हैं। वे ट्विटर पर अपने उत्पाद या सेवा के बारे में बराबर सूचना देते रहते हैं। इसके अलावे वे कुछ महीनों के अंतराल पर वे कोई न कोई आयोजन करते रहते हैं जिनमें उनके निवेशकों के बीच काफी सूचना देते रहते है। इन्ही दो स्रोत के आधार पर मैं उनसे संबंधित बातें बताने की एक श्रृंखला प्रस्तुत करने जा रहा हूँ। एलन मस्क-(बन्दर)- पिछले सप्ताह एलन मस्क अपने एक ट्वीट में लगभग दो मिनट का वीडियो से

आगामी एलन मस्क-पुतिन वार्ता के निहितार्थ

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 कुछ दिन पहले एलन मस्क ने ट्विटर पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को वार्ता के लिये निमंत्रण दिया था। श्री एलन मस्क प्रसिद्ध स्पेसएक्स, टेस्ला आदि कम्पनियों के सीईओ हैं। वहीं व्लादिमीर पुतिन भी लम्बे समय से रूसी सरकार के प्रमुख पद पर आसीन हैं। वे आगे भी कुछ वर्षों तक रूस के शासनाध्यक्ष रहेंगे। प्रायः इस तरह की वार्ता किसी कम्पनी के सीईओ और किसी राष्ट्राध्यक्ष के बीच नहीं होती है। श्री पुतिन ने भी इस वार्ता में अपनी दिलचस्पी दिखायी है। वार्ता मस्क के पसंदीदा सोशल मीडिया एप्प ClubHouse पर होनी है। अभी इस वार्ता की तिथि निर्धारित नहीं हुई है। ऐसे दो दिग्गज लोगों की वार्ता के कुछ विशिष्ट निहितार्थ निश्चित ही होंगे। उन्ही निहितार्थों की चर्चा यहाँ की जा रही है।   युवा एलन मस्क नीचे वाला ट्वीट पढ़ने से बहुत कुछ समझा जा सकता है। मंगल ग्रह के प्रति एलन मस्क की आशक्ति जगजाहिर है। वर्ष 2001 में वे एक राकेट खरीदने के उद्देश्य से रूस गये थे। वहाँ वेे रूसी अंतरिक्ष संस्थान से एक रॉकेट  क्रय करने का प्रताव दिया था। रूसी अंतरिक्ष संस्थान के अधिकारियों ने नवजवान एलन मस्क की पीठ थपथपाई लेकिन उन्हें र

LFP बैटरी में ही हमारा भविष्य है

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  अभी दुनियाभर में दर्जनों केमिस्ट्री पर बैटरी बन रही है। लेकिन मोटा-मोटी बैटरी केमिस्ट्री का वर्गीकरण किया जाये तो उनमें से लिथियम-निकेल, लिथियम-निकेल-मैंगनीज और लिथियम-आयरन-फॉस्फेट प्रमुख है। यहाँ पर LFP बैटरी अर्थात लिथियम-आयरन-फॉस्फेट बैटरी पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। यह दशक बैटरी का दशक होने जा रहा है। सोलर पावर तभी है जब सूर्य भगवान चमक रहे हैं। उसी प्रकार पवन ऊर्जा तभी उपलब्ध है जब हवा बाह रही है। लेकिन इन दोनों की अनुपस्थिति में बिजली के रूप में ऊर्जा प्राप्त करने हेतु उपरिजित ऊर्जा का भंडारण बैटरी में किया जाना आवश्यक है। भारत में LFP बैटरी हेतु कच्चा माल पर्याप्त रूप में उपलब्ध है। इसी में हमारा भविष्य दिख रहा है। गाछ के पीछे सूर्य देवता आकाश में ऊपर उठ रहे हैं। अर्थात भारत ऊर्जावान होने के पथ पर है। अ लिथियम-आयरन-फॉस्फेट में उपयोग होने वाला आयरन फ़ॉस्फ़ेट हमारे देश में प्रचुरता से उपलब्ध है। यह भी निर्विवाद रूप से सत्य है कि इस पदार्थ की उपलब्धता में अगले कई हजार वर्षों तक कोई कमी नहीं होने वाली है। इसके विपरीत निकेल और मैंगनीज की उपलब्धता हमारे देश में अत्यंत ही कम है औ

टेस्ला का भारत मे पदार्पण

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 पिछले वर्ष के अंत में प्रसिद्ध अमरीकी कम्पनी टेस्ला ने "Tesla Motors(India) and Energy Pvt Ltd" नाम से एक कम्पनी हमारे देश में निबंधित करायी है। अभी इस कंपनी में तकनीकि की राजधानी माने जाने वाले शहर बेंगलुरू में अपना मुख्यालय रखा है। विश्वभर में यह कम्पनी बैटरी चालित मोटर वाहन बनाने में अभी शीर्ष पर है। टेस्ला अपनी विस्तार नीति के अंतर्गत भारत सहित अन्य देशों में भी पदार्पण की योजना बना रही है। अभी यह कम्पनी बैटरी चलित गाड़ियों के अलावे बैटरी, सोलर पैनल, सोलर टाइल्स और अपनी गाड़ियों के लिये विद्युत मोटर भी बनाती है।  सितम्बर 2015 में प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी टेस्ला के फ्रेमोंट कारखाना का भ्रमण करते हुए सीईओ एलन मस्क के साथ। टेस्ला के सीईओ अर्थात मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन मस्क अपने द्वारा स्थापित अन्य कम्पनी SpaceX और The Boring Company तथा Starlink आदि के भो सीईओ हैं। निश्चित रूप से वे इन कम्पनियों को भो भारत में लाना चाहेंगे। उन्होंने स्टारलिंक हेतु 42000 लघु सैटेलाइट अंतरिक्ष के निचले कक्षा में स्थापित करने की घोषणा कर रखी है। हो सकता है कि कुछ हजार अपने सैटेलाइटों