LFP बैटरी में ही हमारा भविष्य है

 अभी दुनियाभर में दर्जनों केमिस्ट्री पर बैटरी बन रही है। लेकिन मोटा-मोटी बैटरी केमिस्ट्री का वर्गीकरण किया जाये तो उनमें से लिथियम-निकेल, लिथियम-निकेल-मैंगनीज और लिथियम-आयरन-फॉस्फेट प्रमुख है। यहाँ पर LFP बैटरी अर्थात लिथियम-आयरन-फॉस्फेट बैटरी पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। यह दशक बैटरी का दशक होने जा रहा है। सोलर पावर तभी है जब सूर्य भगवान चमक रहे हैं। उसी प्रकार पवन ऊर्जा तभी उपलब्ध है जब हवा बाह रही है। लेकिन इन दोनों की अनुपस्थिति में बिजली के रूप में ऊर्जा प्राप्त करने हेतु उपरिजित ऊर्जा का भंडारण बैटरी में किया जाना आवश्यक है। भारत में LFP बैटरी हेतु कच्चा माल पर्याप्त रूप में उपलब्ध है। इसी में हमारा भविष्य दिख रहा है।


गाछ के पीछे सूर्य देवता आकाश में ऊपर उठ रहे हैं। अर्थात भारत ऊर्जावान होने के पथ पर है।

लिथियम-आयरन-फॉस्फेट में उपयोग होने वाला आयरन फ़ॉस्फ़ेट हमारे देश में प्रचुरता से उपलब्ध है। यह भी निर्विवाद रूप से सत्य है कि इस पदार्थ की उपलब्धता में अगले कई हजार वर्षों तक कोई कमी नहीं होने वाली है। इसके विपरीत निकेल और मैंगनीज की उपलब्धता हमारे देश में अत्यंत ही कम है और ये दोनों तत्व उपयोग में आने योग्य शुद्धता के साथ बहुत महंगे हैं। हमारे देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए इन दोनों तत्वो का आयात अभी उचित नहीं।

यह भी ध्यान देने योग्य है कि भले ही लिथियम बैटरी कहा जाता है लेकिन उक्त तीनों बैटरी केमिस्ट्री में लिथियम का उपयोग लगभग दो प्रतिशत ही होता है। इसका कुछ भण्डार थोड़ी मात्रा में कर्नाटक राज्य में मिला है। यदि इसकी खोज सघनता से की जाये तो अपने देश  के अन्य भागों में भी इसका भण्डार मिल सकता है। लिथियम का आयात भी ऑस्ट्रेलिया और चिली से सम्भव है।


अभीतक दुनिया भर में पैनासोनिक निर्मित लिथियम का Nickel-Cobalt-Alluminiun बैटरी को उच्च ऊर्जा सघनता वाली बैटरी मानी जाती है। इसी बैटरी का उपयोग टेस्ला की बैटरी चालित गाड़ियों में किया जाता है। इसकी ऊर्जा सघनता 247 wh/kg और Pack level पर इसकी कीमत लगभग $150 प्रति KWh बतायी जाती है। यह बैटरी अच्छी तो है लेकिन महंगी है।


बैटरी केमिस्ट्री और उससे बनी बैटरी की कीमत का विस्तार से दुनिया भर के सामान्य लोगों को तब पता चला जब टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने अपने एक सहयोगी के साथ संयुक्त रूप से पिछले महीने 22 सितम्बर(भारत में अगले सुबह) को अपने एक वेब प्रस्तुति में बताया।

एलन मस्क के उद्गार।


उसी दिन यह भी पता चला कि टेस्ला कम्पनी अब स्वयम हो बैटरी बनाने जा रही है। उस दिन यह पता चला कि LFP बैटरी की कीमत बड़े पैमाने पर बनाने पर काफी सस्ती होगी। इस तरह की बैटरी का उपयोग बस/कार/कृषि उपकरण में और स्थिर ऊर्जा भण्डारण में व्यावसायिक रूप से किया जा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो यह हमारे देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।


सितम्बर 2015 में हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी टेस्ला के बैटरी कारखाना देखने गये थे। वहाँ उन्होंने टेस्ला सीईओ एलन मस्क से Make इन India के अंतर्गत भारत में टेस्ला उत्पाद बनाने का निमंत्रण भी दिया था। एलन मस्क ने भारत का निमंत्रण स्वीकार भी कर लिया था। लगता है कि 2021 में टेस्ला उसी निमंत्रण के अंतर्गत भारत आ रहा है। पर्यावरण प्रेमियों को भारत में टेस्ला का स्वागत करना चाहिये।


यदि हमारे देश मे बैटरी का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है तो उसी अनुपात में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में कमी आयेगी। टेस्ला कम्पनी के आने के बाद अन्य कंपनियां भी इस क्षेत्र में आ सकती हैं। हमारे देश में पेट्रोलियम लॉबी बहुत मजबूत है। क्या बैटरी उत्पादक पेट्रोलियम लॉबी का परोक्ष विरोध सह पायेंगे। हमारे देश में औद्योगिक और व्यावसायिक विवाद वर्षों तक न्यायालयों में लटके रहते हैं। इस Issue पर भी ध्यान दिया जाना चाहिये।


हमारे देश के लोगों में ज्ञान ग्रहण करने की क्षमता बहुत अधिक है। हो सकता है टेस्ला को उचित मात्रा में उनकी आवश्यकता के अनुरूप हर चीज उपलब्ध हो जाये। यदि भारत मे ही टेस्ला उत्पाद जैसे सोलर पैनल, LFP बैटरी, बैटरी पैक, कार, HVAC आदि बनने लगे तो हमारा देश ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की बढ़ सकता है।


उक्त तथ्यों को ध्यान से देखा जाये तो LFP बैटरी और High Nickel बैटरी दोनों मिलकर एक युगान्तकारी उत्पाद साबित हो सकते हैं। युगान्तकारी का यहाँ अर्थ है कि उक्त दोनों तरह की बैटरी परिवहन उद्योग और कृषि-उपकरणों में से भारी मात्रा में पेट्रोलियम उत्पादों को बाहर कर दे सकते हैं। अभी तक परिवहन उद्योग में बीते 110 वर्षों से पेट्रोलियम उत्पादों का ही बोलबाला रहा है। अतः सस्ती और टिकाऊ LFP बैटरी में ही हमारा भविष्य है।


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