प्रतावित यूक्रेन-रूस शांति वार्ता
भले ही पूरा विश्व यूक्रेन और रूस के बीच चलने वाले सैन्य संघर्ष को एक युद्ध माने लेकिन अभी भी रूस इसे एक विशेष सैन्य अभियान ही मानता है। प्रस्तावित शांति समझौता के दो कारण दिखता है। 1. यदि युद्ध नहीं रुका तो विश्व व्यापी मंदी के खतरे दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। आसन्न मंदी के खतरे को समझने हेतु गत जून के चीन के निर्यात के आंकड़े एक पर्याप्त संकेत है। उस माह में चीन का निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में 12.4% घटा है। यह ह्रास विगत पांच दशकों में पहली बार हुआ बताया जा रहा है। यह आसन्न मंदी की एक स्पष्ट घंटी है। आसन्न मंदी को समझने हेतु दूसरा उदाहरण है क्रूड ऑयल के उत्पादन में भारी कटौती के बाद भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपेक्षा के अनुरूप उसके मूल्य नहीं बढ़ रहा है। सऊदी अरब ने जुलाई महीने के प्रथम सप्ताह से ही अपने क्रूड ऑयल के उत्पादन में दस लाख बैरल प्रतिदिन की अतिरिक्त कटौती की है। 2. अभी का सऊदी अरब की जनता और शासक दल के लोग अपने पूर्व की पीढ़ी की तुलना में अधिक शिक्षित है। वहां का शासक दल विश्व राजनीति में अपनी हिस्सेदारी भी चाहता है। यदि प्रस्तावित शांति समझौता सम्पन्न हो जाता है तो सऊदी