जंगल में मोर नाचा; किसने देखा?
बहुत से लोग अच्छा वेतन छोड़कर कम वेतनमान में सरकारी नौकरियों में योगदान करते रहे हैं। सबके अपने-अपने तर्क हैं। एक ने बड़ा ही अजीब तर्क दिया। उसका तर्क था- "जंगल में मोर नाचा; किसने देखा?". इस तरह के अनेकों तर्क सुने जाते रहे हैं. उन्ही तर्कों के आधार पर यह ब्लॉग प्रस्तुत किया जा रहा है. भले ही गैर प्रशासनिक पदधारियों का वेतन ज़्यादा हो, लेकिन छोटे बड़े सभी प्रशासनिक पदधारियों को उनके नौकरी कार्य-काल में ऊपरी कमाई के मौके(Scope) ज्यादा मिलते हैं. छोटे बड़े सभी प्रशासनिक पदधारियों को सरकारी गाड़ी, बंगला, ड्राइवर, नौकर-चाकर आदि की सुविधा गैर-प्रशासनिक पदधारियों की तुलना में बहुत ज्यादा है. प्रायः लोगों के माता-पिता को गैर-प्रशासनिक पदधारियों के माता-पिता को की तुलना में सस्ते में या कभी-कभी मुफ्त में चिकत्सीय सहायता उब्लब्ध हो जाता है. इसलिये भी माता-पिता अपने बच्चों को प्रशासनिक पदों पर भेजना पसन्द करते हैं. क्या कुछ मामलों में यह सही नहीं है कि नौकरी पा जानेवाले अपने मातापिता से ज्यादा ध्यान अपने कुत्तों पर देते हैं? छोटे-बड़े प्रशासनिक पदों पर ब