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Showing posts from September, 2016

राजनैतिक चंदा और धूर्त व्यापारी।

     लगभग चालीस वर्ष पहले की बात है. एक स्थान पर कुछ साधु बाबा लोगों का प्रवचन चल रहा था. प्रवचन सुनकर आये लोग बाबा की कही गयी बातों का खूब बखान और तारीफ कर रहे थे. मेरी भी उत्सुकता प्रवचन सुनने की बढ़ने लगी . समय निकाल कर एक दिन मैं भी बाबा के पास पँहुच गया. प्रवचन सुनने वालों की भीड़ लगभग सौ से पार कर गयी थी; बैठने की जगह कोई गुंजाइस नहीं थी. उस दिन के प्रवचन का विषय था- "व्यवसाय में नैतिकता". मैंने देखा कि भीड़ धीरे-धीरे खिसक रही है; लोग तरह-तरह के बहाने बनाकर जा रहे थे. लगभग पन्द्रह मिनट में ही भीड़ सिकुड़ कर बीस-बाइस लोगों की रह गयी थी थी. बचे हुए लोग गम्भीर श्रोता लग रहे थे. उन्ही लोगों में प्रवचन के व्यवस्थापक मण्डली के लोग भी थे.      प्रवचन देने वाले बाबा भी क्षीण हो गयी भीड़ का कारण समझ रहे थे और मुस्कुरा भी रहे थे. बाबा बताने लगे कि वे कल श्रोताओं के बीच में बैठे थे और भीड़ एक घण्टे के अन्त तक डटी रही थी. कल के प्रवचन का विषय था- "परेशानी और उनका धार्मिक निदान" और कल के प्रायः सभी श्रोता सन्तुष्ट होकर प्रवचन स्थल से अपने घरों को गये थे. बाबा इस बात से तनिक भी

काश, युद्ध कम से कम एक साल के लिये और टल जाता!

    अभी प्रायः सभी मोर्चों पर हमारी प्रगति अच्छी हो रही है और उम्मीद है कि प्रगति की रफ़्तार और बढ़ेगी।काश, युद्ध एक साल और टल जाता। तब हमारे पास काम भर बराक-8, तेजस, ब्रह्मोस, अरिहन्त, धनुष और कई प्रकार के मिसाइलें आदि होते तथा करीब एक माह तक कारगर युद्ध लड़ने लायक पर्याप्त मात्रा में गोला-बारूद  और पेट्रोलियम उत्पाद भी हो जाते; कुछ परजीवी और पाकिस्तान परस्त मीडिया कर्मी और सिने कर्मी भी कम होते; पाकिस्तानी जासूसों के संरक्षण देने वाले भी कम होते; आवश्यक वस्तुओं का उचित भण्डारण भी पूरे देश में होता।     हमें यह भी नहीं भूलना चाहिये कि हमारे देश के अन्दर भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो हमारे दुश्मन को कई तरह से मदद करते रहते हैं. हम प्रॉक्सी वॉर भी बहुत दिनों से झेल रहे हैं. हमारे देश के कथित सेकुलरिस्ट हमारे ही लोगों को सरकार के विरुद्ध भड़काते रहते हैं. हमें उग्रवाद और अलगाववाद भी झेलने पद रहे हैं. अंदरूनी दुश्मन से निपटने हेतु हमें अपने आपराधिक न्याय प्रणाली को समय के अनुसार और मजबूत बनाते रहना होगा। इन सब के लिये हमारे देश को कुछ और समय चाहिये।     यह भी हो सकता है कि तबतक बलुचिस्तानी भी