हाइड्रोजन चालित बनाम बैटरी चालित गाड़ियां

 पहले हाइड्रोजन की अच्छाई समझ लें उसके बाद उसकी कमजोरी पर चर्चा होगी।

1  हाइड्रोजन एक राकेट का ईंधन है। 

2. रूस ने एक हवाईजहाज भी हाइड्रोजन से चलने वाला बनाया था।

3. पिछले सप्ताह टोयोटा अपनी एक कार को एक हाइड्रोजन भरकर 845 मील अर्थात 1300 कि मी से ऊपर चलाकर दिखा दिया।

4. लम्बी दूरी के ड्रोन हाइड्रोजन से चलाये जा सकते हैं जो बैटरी से लम्बी दूरी सम्भव नहीं है।

5. चूंकि जापान में बिजली महंगी है अतः जापानी बैटरी के स्थान पर हाइड्रोजन से गाड़ियों को चलाना चाहते हैं।

6. भारी ट्रक/बस भी हाइड्रोजन से लम्बी दूरी तक चलाये जा सकते हैं।


हाइड्रोजन के पक्ष में नकारात्मक बातें -

1. हाइड्रोजन एक अति ज्वलनशील गैस है। अतः इसका रखरखाव जटिल और महंगा है।

2. एक यूनिट के योग्य ग्रीन हाइड्रोजन बनाने में दो यूनिट बिजली खर्च होता है।

3. एक हाइड्रोजन गैस स्टेशन बनाने का खर्च एक बैटरी सुपर चार्जर बनाने की तुलना में सौ गुना से अधिक का खर्च आता है।

4. एक निजी कार एवं मध्यम आकार की गाड़ी औसतन 100 कि मी से अधिक नही चलती जिसे घर पर रात को आसानी से चार्ज किया जा सकता है।

5. लम्बी यात्राओं में एक बार में कोई भी व्यक्ति 300 km से अधिक की दूरी तय करना नहीं चाहता है। तब लगभग आधा घंटा जरूर आराम करना चाहता है। इतने समय में बैटरी चालित गाड़ियों को पुनः रीचार्ज किया जा सकता है।


एक तुलनात्मक विवरण

1. मूल्य हाइड्रोजन चालित कार मिराई का मूल्य US$55k जबकि उसके समतुल्य बैटरी चालित कार का मूल्य US$40k कम मूल्य का US$10k 

2. Running cost - हाइड्रोजन लगभग 4.5 ₹प्रति km

पेट्रोल - लगभग 4₹ प्रति km

डीजल लगभग 3.5₹ प्रति km

बैटरी चालित कार लगभग 1.5₹ प्रति km

3. रखरखाव - बैटरी चालित गाड़ियों का रखरखाव सस्ता है।

4. चार्जिंग स्टेशन- बैटरी चालित गाड़ियों के लिये ज्यादा सुलभ है।

5. बिक्री - वर्ष 2020 में सिर्फ टेस्ला कम्पनी ने लगभग पाँच लाख बैटरी चालित गाड़ियां बेंची हैं जबकि टोयोटा, ह्युएंडाई, होंडा आदि सभी हाइड्रोजन चालित गाड़ियां पाँच हजार से अधिक नहीं बेंच पायीं। अतः दोनों के बीच खाई बहुत अधिक है। 


Price and Quality rule the world.

कनाडा, अमेरिका का उत्तरी प्रदेश, उत्तरी यूरोप, रूस, उत्तरी चीन और जापान आदि देशों तथा हमारे देश के कुहासा वाले क्षेत्र में महंगा होते हुए भी हाइड्रोजन पावर लाभदायक है। लेकिन सौर ऊर्जा वाले क्षेत्र में बैटरी चालित गाड़ियां ही राज करेगा। 

फिर भी टेक्नोलॉजी में सुधार लाकर, उत्पादन में कमी लाकर,सरकारी प्रोत्साहन में वृध्दि कर और अधिक चार्जिंग स्टेशन बनाकर हाइड्रोजन चालित गाड़ियों को लोकप्रिय बनायी जा सकती है। 

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