एलन मस्क से सम्बंधित सकारात्मक बातें(बन्दर)

यद्यपि कि मेरी हैसियत एलन मस्क के किसी उत्पाद या सेवा को क्रय करने की नहीं है फिर भी मैं उनका एक प्रशंसक हूँ। एलन मस्क बृहत स्तर पर मानव सेवा करना चाहते हैं। उनका लक्ष्य मंगल ग्रह पर बसने का है। उन्होंने इस पुनीत कार्य के लिये कई कम्पनी स्थापित की है। चूंकि वे अपने उत्पाद, सेवा और अपनी छवि चमकाने के प्रचार पर कोई खर्च नहीं करते हैं अतः उनके बारे में सिर्फ नकारात्मक समाचार ही प्रिंट या टीवी मीडिया में आते हैं। इसका साफ अर्थ है कि उनके साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के बजाये उनसे घृणा करते हैं।


Monkey with Neuralink chip playing a video game.

वे ट्विटर पर सक्रिय हैं। ट्विटर मेरे जैसा उनके पाँच करोड़ छः लाख से अधिक अनुगामी हैं। वे ट्विटर पर अपने उत्पाद या सेवा के बारे में बराबर सूचना देते रहते हैं। इसके अलावे वे कुछ महीनों के अंतराल पर वे कोई न कोई आयोजन करते रहते हैं जिनमें उनके निवेशकों के बीच काफी सूचना देते रहते है। इन्ही दो स्रोत के आधार पर मैं उनसे संबंधित बातें बताने की एक श्रृंखला प्रस्तुत करने जा रहा हूँ।


एलन मस्क-(बन्दर)- पिछले सप्ताह एलन मस्क अपने एक ट्वीट में लगभग दो मिनट का वीडियो से सम्बंधित

वीडियो उनकी एक कम्पनी न्यूरालिंक के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @neuralink पर जारी की है। आप स्वयं इस लिंक पर जाकर उस वीडियो डाउनलोड कर देख सकते हैं। इस वीडियो में एक बंदर को पौंग नामक वीडियो गेम खेलते दिखाया गया है। इस कार्य को सम्पन्न कराने हेतु न्यूरालिंक कम्पनी ने उस बन्दर के मष्तिष्क में एक चिप लगाया है। अंत मे वह बंदर संतुष्ट होकर आराम से एक केला खाता है।


मैंने अपने इस शृंखला के प्रथम अंक में बंदर का वीडियो का उल्लेख इसलिये किया है कि प्राकृतिक इतिहास में मनुष्य के प्रादुर्भाव के पूर्व बंदर का उल्लेख किया जाता है। बताया जाता है कि पूरे मानव प्रजाति का बंदर ममेरा या फुफेरे भाई-बहन का स्थान रखता है। कुछ अल्पज्ञानि बंदर को हमारे पूर्वज ही बता देते हैं जो गलत है।


न्यूरालिंक कम्पनी ने अपना लक्ष्य निर्धारित किया है कि बंदरों और सुवरों पर उनका प्रयोग सफल रहा तो लकवा और दुर्घटना या किसी अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त स्मृति वाले मनुष्यों में उनकी स्मृति को वापस लाने की चेष्टा की जायेगी। अल्जाइमर से ग्रस्त रोगी को भी भविष्य में इसका लाभ हो सकता है। इस कम्पनी से बहुत से विश्व स्तर के न्यूरो सर्जन/विशेषज्ञ और इंजीनियर जुड़े हुए हैं।


बताया जा रहा है कि पक्षाघात से पीड़ित व्यक्ति भी न्यूरॉलिंक के चिप से युक्त होने पर एक स्वस्थ व्यक्ति अच्छी तरह एक स्मार्टफोन चला सकता है।


अब इस तकनीकि के दुरुपयोग की सम्भावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। सभी जानते हैं कि किसी चाकू का सदुपयोग करते हुए उससे सब्जी/फल काटने से लेकर तमाम अन्य घरेलू कार्य लिये जाते हैं। लेकिन चाकू से किसी की हत्या भी की जा सकती है। अतः इस तकनीकी का भी दुरुपयोग हो सकता है। अब तो भविष्य ही बतायेगा कि न्यूरॉलिंक कम्पनी अपने लक्ष्य में कहाँ तक सफल हो पाती है।

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