थॉमसन हिरण और आठ चीते

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कूना पार्क में छोड़े गये आठ चीतों पर कुछ विशेष बातें:-

1. इनमें से कोई भी उस अभयारण्य का घास पात नहीं खा रहा है। अर्थात वे सब चीते शाकाहारी नहीं हैं।

2. उन चीतों को खाना बनाना भी नहीं आता। यदि ऐसा होता तो वे सब कम से कम मैगी आदि फास्ट फूड बनाकर खा लेते। इस तरह मैगी आदि खाकर अपना भूख तो मिटा ही सकते थे।

3. उन सबों को शिकार करने नहीं आता। यदि उन चीतों को शिकार करने आता तो उनको खाने के लिए छोड़े गए बकरे और हिरण अभी तक सभी के सभी सकुशल उन चीतों के सामने ही स्वच्छंद विचरण नहीं करते रहते।

4. अब विशेषज्ञ बता रहे हैं कि कूना पार्क में उन चीतों के स्वच्छंद विचरण हेतु उतना क्षेत्र नहीं है जितना उनके मातृभूमि तंजानिया या जांबिया में होता है। 

5. विश्व का चौथा सबसे तेज भागने वाला पशु थॉमसन हिरण कूना पार्क में नहीं पाया जाता और न ही उन्हे वहां लाया ही गया है। इस प्रजाति का हिरण चीतों का सबसे प्रिय भोज्य पशु होते हैं। जब चीते कूना पार्क में विश्व के चौथे सबसे तेज धावक थॉमसन हिरण को दौड़ायेगा ही नहीं; दौड़ा दौड़ा कर उन्हे पकड़ का अपना शिकार बनायेग  नहीं तो इन चीतों को लोग विश्व का सबसे तेज धावक पशु कैसे मानेंगे।?

6. शायद उक्त समस्यायों के निदान हेतु एक कमिटी बनाई जा रही है। आप भले ही इस सम्भावित कमिटी की बात पर हंस लें, लेकिन देखियेगा एक दिन इस कमिटी की रिपोर्ट बोहरा कमिटी की रिपोर्ट से भी अधिक चर्चित होगी। 

7. तब तक हमसब भी उन चीतों के कुशल क्षेम की कामना करते रहें। और ऐसे हमलोग उन चीतों की भले हेतु प्रार्थना करने के आलावे कुछ कर भी क्या सकते हैं। 

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