"Late, thin and a few" की नीति को अपना कर भी जन-संख्या नियंत्रित की जा सकती है।
अपने देश में जितने संसाधन पैदा किये जा रहे हैं उससे अधिक गति से हमारी जन-संख्या बढ़ रही है। हमारी जन-संख्या बांग्लादेश और म्यनमार के शरणार्थी भी बढ़ा रहे हैं. औद्योगीकरण का प्रभाव भी हमारी जन-संख्या पर पड़ रहा है। आज हर जगह स्वचालन(Automation) का प्रचलन बढ़ रहा है। दुनिया में रोबोट की संख्या हमारी जन-संख्या वृद्धि से लगभग दस गुना की तेजी से बढ़ रही है। ये दोनों मिलकर जहाँ दस रोजगार पैदा कर रहे हैं वहीँ दूसरी और बारह रोजगार समाप्त कर रहे हैं। यह सुनने में भले ही अटपटा और काल्पनिक लगे लेकिन इतना तो कटु सत्य है कि स्वचालन और रोबोट से जितने रोजगार पैदा हो रहे हैं उससे ज्यादा रोजगार छीने जा रहे हैं। परम्परागत रोजगार में अवसर कम हो रहे हैं:- पहले रेलवे में सभी टिकट हाथ से ही काटे जाते थे. आज हालत ऐसी हो गयी है कि 65% से ऊपर बर्थ और चेयर कार में टिकट ऑनलाइन कटाये जा रहे हैं. UTS प्रणाली से सामान्य टिकट भी कटने लगे हैं और इन सेवाओं का तीव्र गति से विस्तार हो रहा है. यह एक छोटा सा उदहारण है. पाठकगण यदि थोड़ा इस पर चिन्तन करेंगे तो उन्हों...