यूक्रेन-1

 बीते मध्यरात के बाद ही मेरी नींद खुल गयी। बहुत दिनों के पश्चात रात में सोशल मीडिया देखने लगा। मेरी दृष्टि एक फोटो पर पड़ी। उस फोटो में यूक्रेन युद्ध में मारे गये एक सैनिक के अपनी माँ के साथ किये गये अंतिम समय के चैट का उल्लेख था। चैट बहुत ही मर्मस्पर्शी था। पहले मुझे यह एक प्रोपगैंडा लगा लेकिन उसमें एक वेब पता अंकित था। 

मैंने उस वेब पता को खोला तो वह UNGA में गत रात की बैठक का वीडियो था। मैंने उस वीडियो को आगे-पीछे करके यूक्रेन के प्रतिनिधि का भाषण देखा। उसी वीडियो में उस मृत सैनिक के स्मार्टफोन से लिये गये एक उक्त चैट का उल्लेख है। आप भी उसे media.un.org पर जाकर उसके 45वें मिनट से देख सकते हैं।


मुझे लगता है यूक्रेन युद्ध किसी सनक की उपज है। इस युद्ध में न्यूक्लियर बम से लाखों यूक्रेनी के मारे जाने के पश्चात भी यूक्रेन की हार की सम्भावना बहुत कम है। यह इसलिये कि जेलेन्सकी ने अपने राष्ट्र के चार करोड़ चालीस लाख लोगों में से लगभग दो करोड़ लोगों को अपने बच्चों के भविष्य के लिये लड़ते हुए मरने के लिये राजी कर लिया है।

उनलोगों से लड़कर कोई जीत की उम्मीद क्या कर सकता है जो मरतेदम तक मरने-मारने के तैयार हैं। उनके पास बंदूक और मोलोटोव कॉकटेल नामक सस्ता और अत्यंत ही खतरनाक हथियार है तथा दूसरी तरफ उक्त मृत सैनिक के चैट के अनुसार रूसी सैनिकों की दशा है। यह युद्ध वोलोदिमिर और व्लादिमीर संस्कृति का एक द्वंद्व भी है।

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