दूर देश की एक अधूरी कहानी

 


एक दूर देश के आखिरी कोर्ट में एक अजीब मामला आया। उस मामले में मांग की गई थी कि जनहित में महिलाओं को चप्पल पहनने से रोका जाये। ऐसा इसलिये कि सैंडल की जगह चप्पल पहनने से लोगों को परेशानी होती है।

इसी बीच मेरे एक शुभ चिंतक ने बताया की दूर देश की कोई कहानी लिखने पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। उस शुभ चिंतक ने मुझे सलाह दी कि "यदि शांति से जीना चाहते हो तो शत्रु, रोग और ऋण को सदैव कम करते रहो।"

इसके साथ ही उसने एक लिंक भी दिया। उस लिंक को खोलने पर "बारूद की एक ढेर पर बैठी है यह दुनिया......"शीर्षक से एक पुराना 1954 का गाना बज रहा था।

मैं कन्फ्यूज हो गया। पाठकों से विनती है कि इस अधूरी कहानी को पढ़ कर आप कन्फ्यूज न हों।

 


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