दो लंगोटिया मित्र का वार्तालाप
वर्तमान राजनीति पर एक हास्य कथा।
दो नेता मित्रों की चर्चा प्रायः होते रहती है। प्रस्तुत है उन दोनों मित्रों की अंतरंगता के साथ काल्पनिक वार्तालाप।
पहला मित्र: ~ हमारे पास देश की प्रगति का एक अच्छा तरकीब है।
दूसरा मित्र: ~ बताओ अपनी तरकीब। हम भी तो तुम्हारे उस तरकीब को समझें।
पहला मित्र: ~ जब हम लोगों का भारत पर राज हो जायेगा तब हम अमरीका पर आक्रमण कर देंगे। सैन्य शक्ति के रूप में अमरीका हमारे देश से तो मजबूत है ही। वह हमारे देश को जीतकर अपना इकावनवा राज्य बना लेगा। अमरीका तो लगातार तरक्की करते ही रहता है; वह हमारे देश को भी विकसित कर देगा। कल्पना कीजिए उस स्थिति का। हमारे देश का करेंसी भी मजबूत डॉलर होगा, वहां जाने के लिए कोई वीजा की आवश्यकता नहीं होगी। दुनिया भर में हमारे नागरिकों का अमरीकी नागरिक के रूप में कितना सम्मान बढ़ जायेगा।
दूसरा मित्र उदास हो गया। पहले मित्र ने उनसे उदासी का कारण पूछा। दूसरे ने बताया कि बताओ यदि युद्ध में अमरीका हमारे देश से हार गया तब क्या होगा?
पहला मित्र: ~ अरे भाई, यह तो बहुत ही अच्छा हो जायेगा। जब हमारा देश जीत जायेगा तब हम पूरे अमरीका में भी आरक्षण लागू कर देंगे। आरक्षण लागू होने से वहां की आधी नौकरी हमारे लोगों को मिलने लगेगी। वहां आरक्षण लागू करने के पश्चात हम अलास्का राज्य को रूस को लौटा देंगे। इससे रूस भी हमसे प्रसन्न हो जायेगा। आपको मालूम है लगभग डेढ़ सौ वर्ष पहले अलास्का रूस का ही एक भाग हुआ करता था। आप अपनी उदासी हटाइए और चुनावी मोड में आ जाइए। चुनाव में हमसब जी जान से मेहनत करेंगे। अपनी पार्टी की जीत निश्चित है।
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